बुढ़ापा आ गया है
बुढ़ापा आ गया है
बचपन के सपने
एक बात बता मुझे
आज भी मुझमे कही
क्या तू जिंदा होगा?
अब भी
पूरा होने का ख़्वाब
क्या तू देख रहा होगा?
डरा सेहमा सा
कही छुपकर बैठा है
या बाकि बुढ़ापेकी,
जिम्मेंदारियों की भीड़ में
कही खो गया होगा
