धरोहर
धरोहर
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बटोरती जिंदगी के
हर मोड़ से
अनगिनत
खट्टे -मीठे
अनुभवों को
अनवरत
कभी मुस्कराकर
कभी नम आंखों से
सहेजती जा रही हूँ
कविता और कहानियों
का रूप देकर
ताकि रहें सलामत
किसी की प्रेरणा बन
धरोहर की तरह
मेरे ना होने पर भी ......