अब अमन की ना कोई बात हो
अब अमन की ना कोई बात हो
बहुत सहा है हिन्द न अब तक,
दुश्मन की छाती पर टैंक चढा डालो
है रक्त जहाँ पर बहा,
वहाँ अब पानी कैसे बह सकता है
अब प्यासा ही मर तू कायर
नदियों का रूख बदल डालो
हमने तुझको अपना टुकड़ा दिया,
नई धरती बसाने को,
आज उस टुकड़े को पैरो
तले मसल डालो
आंसू नहीं, रक्त बहते हैं,
भुजाये फड़फड़ाते हैं,
आज दुश्मन की छाती फाड़ कर,
रकत बहा डालो।
अब छुपकर नहीं, हम तनकर आएंगे,
रात मे नहीं, दिन में जलाकर जाएंगे,
अब ये नक्शा देश का बदल डालो
ये चीन तू ना आना रस्ते में
बर्बाद तू भी हो जाएगा,
जब हिंद जागेगा, तो
तेरा नक्शा भी मिट जाएगा
अब ऐलाने जंग कर डालो
बहुत सहा है हिन्द न अब तक,
दुश्मन की छाती पर टैंक चढा डालो।