समाज और रिवाज
समाज और रिवाज
हर समाज की कितनी विधियां हैं
नीतियां हैं, कुरीतियां हैं
पर संस्कारों से सजी हमारी
भारतीय रीतियां हैं।
शिष्टाचार ,ज्ञान , परम्पराएं
हर समुदाय के विभिन्न है
पर इंसानियत यहाँ ज़िंदा है
मिसाल हमारी अभिन्न है।
अनगिनत समुदाय, अनगिनत कलाएं
जन जन को मोहित करती हैं
भाषाएँ भी हैं भिन्न भिन्न, पर
इनसे भारत की शोभा बढ़ती हैं।
हर मत, हर धर्म, हर समुदाय
मिलजुलकर आराम से रहता हैं
अलग अलग रीति रिवाज यहाँ के
भारतीय संस्कृति को दर्शाता है।
यहाँ मेहमान का सबसे उम्दा दर्जा है
यह हमारी सभ्यता का हिस्सा है
चाहे अमीर हो या गरीब, छोटा हो या बड़ा
हर खोली हर नुक्कड़ का यह किस्सा है।
विविध्दता में एकता हैं
नहीं मिसाल जग में ऐसी कहीं
यहाँ रस्मों से संबध है अनूठा
व्यव्हार हम जैसा कहीं नहीं।
यह ऋषियों फकीरों का देश है
सेवा भाव, शांत स्वभाव अपनी पहचान है
आदर सम्मान, एक दूसरे से प्रेरणा
भारतवासियों की आन, बान, शान है।
