वास्तविकता ...
वास्तविकता ...
कहते हैं दिल तो बच्चा है जी
कही ना कही यह सच है
उम्र जैसे जैसे बढ़ती है वैसे ही
हम बच्चों की तरह व्यवहार
करते हैं
परंतु आज के बच्चे बहुत अलग
प्रकार का सोच रखते हैं
वो कब क्या कहना चाहते हैं
कभी कभी पता नहीं चलता
बच्चे आजकल मोबाइल का
उपयोग बहुत ज्यादा मात्रा में
करते हैं
जिसकी वजह से उनके आँखों
में काफी तकलीफ़ होती है
और शरीर तो जैसे फूरतिले की
तरह काम ही नहीं कर पाता
जिसके कारण उनके आने वाले
भविष्य पर बौरा असर पड़ता है
और अंत में या तो सब ठीक हो
जाता है
या तो सब खत्म हो जाता है
इससे बेहतर है हर चीज का
जितना जरूरी हो उतना ही
प्रयोग किया जाए ।।