जीवनसाथी
जीवनसाथी
जीवन पथ पर सदा साथ चलना तुम,
हो सकें तो कुछ कामों में हाथ बंटा देना तुम।
दो जिस्म एक जान है हम,
प्यार से मुझे रखना तुम।
घर के काम से कभी थक कर झुझला जाऊं,
मुझे बाहों में ले हाथों को चूम लेना तुम।
गलतियाँ मुझसे मानती हूँ बहुत होती हैं,
डांट लगा कर मुझे मत रूलाना तुम।
नहीं आता मुझे जीवन का व्यवहारिक ज्ञान,
धीरे-धीरे से सबसे रूबरू करवा देना तुम।
कभी हो जाए हमारे बीच किसी बात पर बहस,
मुस्कराते हुए मुझे गले से लगा समझा देना तुम।
घर परिवार में मेरा कभी अपमान होने लगे,
रिश्ते नाते मे बिना दीदार खडी कर मुझे बहला देना तुम।
दर्द का एहसास जब मेरी रूह को तडपाने लगे,
मैं हूँ ना कहकर मेरे पास बैठ सिर सहला देना तुम।
मुसीबते जब भी तुम को करे परेशान तो,
जिदंगी के हो जो भी राज मुझे बता देना तुम।
कभी धूप कभी छांव है जिंदगी का अनमोल हिस्सा,
अपनी जिंदगी को रंगों से सराबोर कर देना तुम।
ऐ मेरे जीवन साथी तुम से ही है मेरा जीवन,
मुहब्बत की नदियाँ बहा घर को जन्नत बना देना तुम।
