बाल मनोविज्ञान
बाल मनोविज्ञान
बच्चों का छीन रहे हम बचपन,
पढ़ाई पर दे रहे ज्यादा जोर।
बच्चों पर पड़ रहा मानसिक दबाव,
शारीरिक रूप से हो रहे कमजोर।।
पढ़ाई में असफल होने पर,
पनप रहा चिंता व डर।
घबराहट में गलत राह पर चलते,
कहने का न हो रहा असर।।
हर वक़्त कहे न पढ़ने को,
बच्चों के साथ भी खेले हम।
परीक्षा में कम नंबर आने पर,
उत्साह करें न उनका कम।।
हम बच्चों को गलत न समझे,
बच्चों को हम दें ख़ूब दुलार।
बस्ते का बोझ न लादे उन पर,
नहीं तो वो होंगे बीमार।।
हर बात पर बच्चों को न डाँटे,
न ही लगाए उनको फटकार।
पढ़ने में यदि हो कमजोर,
बच्चों के पढ़ाई पर करें विचार।।
छोटी चीजों पर हम न टोके,
उनको दें सद्गुण व संस्कार।
अच्छी अच्छी बात सिखाएं,
श्रेष्ठ बने हम पालनहार।।
मस्ती भी बच्चों को करने दें,
न लगाए उन पर बहु प्रतिबंध।
नही तो चिड़चिड़े हो जाएंगे,
घर में न होगा आनंद।।
शाम समय बच्चों को बैठा कर,
कुछ देर पढ़ाए लिखाएं हम।
छुट्टी में बच्चों को हम साथ घुमाएं,
महकेंगे बच्चों के हर बढ़े कदम।।
