मैं
मैं
मैं महज वक़्त हूँ, गुजर जाऊँगा
बुरा हूँ, सही हूँ, पल भर के लिए हूँ
तू चलते रह, मैं पीछे छूट जाऊँगा
पर कभी यूँ ही लम्हा बन याद आऊँगा
मैं महज एक सवाल हूँ, टल जाऊँगा
सही हूँ, गलत हूँ, शायद सरल ही हूँ
तू कोशिश तो कर, मैं बदल जाऊँगा
पर कभी उन्हीं पहेली बन याद आऊँगा
मैं महज एक याद हूँ, भुला दी जाऊँगी
खुशी की हूँ, गम की हूँ, सुनो चंद शब्दों की हूँ
तू बयाँ तो कर, मेरे होने का निशा मिटा जाऊँगा
पर कभी उन्हीं हँसी बन तेरे लबों पे आऊँगा
मैं महज एक नाम हूँ, गुम हो जाऊँगा।।