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होठों पे बस इक नाम तेरा

होठों पे बस इक नाम तेरा

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मेरे प्रियतम, तुम कैसे मुझसे रूठ गई

अभी-अभी तो देखा था संग सपना

अभी तुम कैसे टूट गई,

हाँ अभी तुम कैसे टूट गई।


संग जीने-मरने के सारे वादे धरे के धरे रहे

उल्फ़त, रंज, रस्में, कसमें सारे मेरे संग रहे

हे प्रियतम, केवल तुम ही हमसे छूट गई

अभी-अभी तो देखा था संग सपना,

अभी तुम कैसे टूट गई।


थी कितनी चाहत, और कितनी चाहत बची रही

अब भला मैं अपनी मोहब्बत का ही कैसे हिसाब करूँ

प्रियतम, जाते जाते तुम वफ़ा की इतनी सिख दो

तेरे बाद, सपनों में भी केवल तुझसे प्यार करूँ।


मेरे प्रियतम, तुम कैसे मुझसे रूठ गई

अभी-अभी तो देखा था संग सपना

अभी तुम कैसे टूट गई, हाँ अभी तुम कैसे टूट गई।।


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