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purushottam singh

Action Drama

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purushottam singh

Action Drama

एक सिपाही

एक सिपाही

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एक ही मज़हब था और एक था कौम वही

पर अब रंग हरा इस्लाम हुआ और केसरिया हिन्दू हो गए,

हम तो पहले हिंदुस्तानी थे,अब सिपाही हो गए


एक ही लक्ष्य था और एक था दुश्मन वही

अब खुद के ही खुद दुश्मन हुए और

बात मेरे हिन्दू मुस्लिम हो गए,

हम तो पहले सिपाही थे अब राजनीती हो गए


एक ही गीता है और एक है क़ुरान वही

एक करे तो जाप और दूसरा करे तो अज़ान हो गए

हम तो पहले रक्षक थे,अब बलात्कारी हो गए


हरे से तुमको मोहब्त है और केसरिया से उन्हें इश्क़ वही

क्यों खुद को रँगों में घिल के बाँटते हो,जब तिरंगे में है वो रंग भी


चलो अच्छा है,हम पे इल्ज़ाम लगाया

हम में हम कितने हैं ये बतलाया,

कि अब शुक्रिया करू जो तुमने हमें खुद से मिलाया,

पर याद रहे तुम्हें, पहले मैं महज़ सिपाही था,अब पूरे के पूरे इन्सां हो गए


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