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नवल पाल प्रभाकर दिनकर

Drama Romance

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नवल पाल प्रभाकर दिनकर

Drama Romance

मैं तुम्हारी हूं

मैं तुम्हारी हूं

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परे कहीं

कोहरे का धुंधलका

ओर...

चमकते यादों के

आईने में

आपकी तस्वीर

उभरने लगती है।

जीता-जागता चेहरा

हंसता सा प्रतीत होता है।


कोहरे के बादल को

पल में छू करता हुआ

सामने मेरे आ बैठा

ओर मुझसे

बातें यूं करने लगा

तुम निराश यूं ना बैठो,

मुझे पाना जो है तो

हद से ज्यादा मेहनत करो

मैं तुम्हारी हूं प्रेयसी

मुझे तुम प्राप्त करो।

वैसे यदि ना मिलूं तो

मुझे तुम जग से छिन लो।



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