Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Asha Jha

Tragedy

4  

Asha Jha

Tragedy

मैं क्या करूं

मैं क्या करूं

1 min
309


काले बादल घिर कर आये

 जाने क्या संदेश लाये

 अब की भी क्या प्रिय न आये 

दिल में उठती हूक हाय ।

 क्या करूँ मैं क्या करूँ

अब विरह की अग्नि में मुझसे जला जाता नहीं ।

पूरा सावन पूरी मैं मुझसे रहा जाता नहीं ।

कामना लहराती आई भावना बलखाती आई

देखकर मैं रह न पाई क्या करूँ ? मैं क्या करूँ ?

जिनके प्रिय संग में रहे उनको कोई भी गम नहीं ।

उनकी खुशियां छीन लेने आता कोई यम नहीं ।

पा के पिय का संग गोरी लगता मानो भंग पीली ।

झूले में सावन के झूली क्या करूं मैं क्या करूं

मैं नहीं थी जानती तुम इस तरह तरसाओगे ।

आज बन जायेगा कल परसो भी तुम न आओगे ।

ढोंगियों सा ढंग तेरा अजनबी सा रंग तेरा मन फिर भी चाहे संग तेरा ।

क्या करूं मैं क्या करूं

    


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy