डंका बाजे रे
डंका बाजे रे
डंका बाजे रे देवी मां का संसार में डंका बाजे रे
शुम्भ निशुम्भ असुर संहारे महिषासुर संहारी
देव दनुज नर नारी किन्नर पूजे दुनिया सारी
थर-थर काँपे रे शत्रु थर थर कांपे रे
देवी मां के दरबार में
डंका बाजे रे देवी मां का संसार में
लाल चुनरिया ओढ़े मैया करती सिंह सवारी
नौ नौ रूप धरे मैया की शोभा लगे न्यारी
शेर नाचे रे देवी मां के दरबार में
डंका बाजे रे देवी मां का संसार में
नंगे पांव चल कर भक्त दर पर तेरे आते
खाली झोली दर से तेरे भर भर कर ले जाते
भक्त नाचे रे देवी मां के दरबार में ।
डंका बाजे रे देवी मां का संसार में