दुर्गे की महिमा
दुर्गे की महिमा
दुर्गे माँ की महिमा
माँ दुर्गे की महिमा अपरम्पार
देव दनुज नर किन्नर गायें हजार
दुर्गे की महिमा।
नौरात्रि में दुर्गे माँ नौ रुप धरती
हर रूप की सुंदरता मन को हरती
मन चाहे चलता रहे यह त्योहार।
देव दनुज नर किन्नर गायें हजार।
दुर्गे की शरण में जो भी आये
खाली झोली भर ले जाये
सदा फले फूले भक्तो का व्यापार
देवदनुज नर किन्नर गायें हजार।
नौरात्रि में नौ दिन जो व्रत रहता
जप तप नियम का पालन करता
अंबे मां कर देती उनका उद्धार।
देव दनुज नर किन्नर गाये हजार।