यादों की मीठी चुभन
यादों की मीठी चुभन
ताउम्र दुखता रहा मेरा दिल
यादों की मीठी चुमन से तेरी ।
पलको मे आँसू दिखे झिलमिल
यादो की मीठी चुभन से तेरी ।
दोष बंधन का अपनो पर मढ़ न सकी
फिर भी होठों पर आई कभी न हँसी ।
दुनियादारी के पिंजरे में ऐसी फँसी
पॅख होते हुए भी मै उड़ न सकी ।
यादो की मीठी चुभन से तेरी ।
जिस किसी में झलक मुझको तेरी दिखी
राह में उसकी मानों थी पलके बिछी ।
तुमसे मिलने की रेखा नही थी लिखी ।
फिर भी हाथों को मै हर घड़ी चूमती ।
फूल बन न सकी रह गई अधखिली ।
यादों की मीठी चुभन से तेरी ।

