नौरात्रि त्योहार
नौरात्रि त्योहार
लो आया रात्रि त्यौहार
सजा है माता का दरबार
चलो चले दर्शन को
भक्तो चलो चले दर्शन को।
मां का ध्यान रहे गर मन में
कंकड़ पत्थर गड़े न तन में
चढ़े ना कोई भी बुखार
शिशु सा माता करे दुलार
चलो चले दर्शन को
भक्तों चलो चले दर्शन को
सीढ़ी सीढ़ी चढ़ते जाओ
जय माता की कहते जाओ
भूलकर तुम अपना घर बार
जा पहुंचो माताजी के द्वार
चलो चले दर्शन को
भक्तों चलो चले दर्शन को।
मां के दर पर जो भी अटका
नहीं कभी वह दर-दर भटका
हर बाधाकरो तुम पार
ना रोकेगा तुमको संसार
चलो चले दर्शन को
भक्तों चलो चले दर्शन को।
जब होंगे तुम्हें मां के दर्शन
कर देना स्वयं को अर्पण
तन मन धन देना तुम वार
मां तुमको जग से देगी तार
चलो चले दर्शन को
भक्तों चलो चले दर्शन को।