V. Aaradhyaa

Inspirational

3  

V. Aaradhyaa

Inspirational

फागुन की बहार

फागुन की बहार

1 min
189



खुशियों से भरा हुआ रंगों का त्यौहार है,

द्वेष भावना त्याग दें, तो ख़ुशी अपार है;


गुझिया और मिठाई का रसोई में अम्बार है,

पिचकारी में रंग भरा लिपा-पुता घरबार है!


फागुन आने को है मस्ती छाई हुई है तभी ,

धूल उड़े ठंडक गई बंसती ऋतु आई अभी!


नये-नये पत्ते उगे, पतझड़ में जो उजड़े कभी,

होली को है कुछ समय, तैयारी कर रहे सभी!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational