गणतंत्र दिवस फिर आ गया
गणतंत्र दिवस फिर आ गया
फिर आया गणतंत्र दिवस, हर्षोल्लास छा गया,
चारों और धूम मची, हर गली में नारा गूंजा गया!
सुबह सुबह अब प्रभातफेरी का है दौर चला,
देखकर हर एक भारतीय में अब जोश बढ़ा!
भारतीय संस्कृति की थाती हाथ में समेटकर,
चल पड़े हैं सब देशभक्ति की चुनर ओढ़कर !
नव परिधान बसंती रंग भारत माता आयी हैं,
रंग-बिरंगे फूलों से प्रकृति ने रूप सजाई है!
आओ मिलकर हम सब अपना तिरंगा फहरायें, सब एक साथ मिलकर झूमें नाचें गाएं बजाएं!
