नंगे पांव चल कर
नंगे पांव चल कर
नंगे पाँव चल कर के दर पे तेरे आयेंगे ।
श्रद्धा से दर पे तेरे शीश झुकाएंगे ।
कहते हैं मां अंबे भक्तों की सुन लेती
दर पे तेरे भक्त बनकर अर्जी लगाएंगे ।
कहते हैं मां अंबे दुख दर्द हर लेती
दर पर तेरे रो रो कर दुखड़े सुनायेंगे ।
कहते हैं मां अंबे झोलियां भर देती
दर पे तेरे दीन बनकर झोलियां फैलाएंगे
कहते हैं मां अंबे ममता लुटाती है
दर पे तेरे हम बालक बन कर जाएंगे ।
कहते हैं मां अंबे पूजा से खुश होती
धूप दीप नैवेद्य से पूजा कर मनाएंगे ।