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Kanchan Prabha

Abstract Classics Fantasy

4.7  

Kanchan Prabha

Abstract Classics Fantasy

मैं इक आईना हूँ

मैं इक आईना हूँ

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मै इक आईना हूँ 

पत्थर पे पिसी हिना हूँ

मुझे कवि मत कहना दोस्तों

मैं इक आईना हूँ 


पत्थर पे पिसी हिना हूँ

आसमान से बातें करती हूँ 

मुझे रवि मत कहना दोस्तों

मुझे कवि मत कहना दोस्तों 


मैं इक आईना हूँ 

पत्थर पे पिसी हिना हूँ 

मैं समंदर की लहर समेटती हूूँ 

मुझे नदी मत कहना दोस्तों 

मुझे कवि मत कहना दोस्तों 


मैं इक आईना हूँ 

पत्थर पे पिसी हिना हूँ 

मैं फ़ूलों में रंगत छीड़कती हूँ 

मुझे कली मत कहना दोस्तों 


मुझे कवि मत कहना दोस्तों 

मैं इक आईना हूँ 

पत्थर पे पीसी हिना हूँ। 


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