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PIYUSH NAVEEN BAID

Abstract

4.8  

PIYUSH NAVEEN BAID

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एक बहन है मेरी

एक बहन है मेरी

2 mins
196


उमर में छोटी 

और आँखों की हंसी 

एक बहन है मेरी। 


भई बहन का रिसता 

होता है खटे मीठे आम की तरह 

तेज धूप में बारिश की तरह 

कुछ खटी कुछ मीठी। 


हो जाती है अन-बन कभी 

कर जाते है कुछ ऐसी बात 

लेकिन दो पल भी जो तू ना बतलाए 

कर जाते है दिन ख़राब। 


याद है मुझे अपनी नोक-झोंक

और गुसे में भी तेरा हसाना 

अछा लगता है मुझे 

अंत में तेरा मुझे खड़ूस बोल जाना। 


कितना ख़ुशनुमा लगता है मौसम 

जब साथ तू होती है 

बेस्वाद खाना भी लगता है लज़ीज़ 

जब तू परोसती है। 


ज़िन्दगी की हर सफ़र में 

बहुत याद आती है और आएगी तू 

सच बोलता ही विदाई के वक्त 

बहुत रुलाएगी तू। 


बहन तू तो है बेटी का रूप 

तुझसे है मेरे आँगन की ख़ुशियाँ 

कैसे मान लू तुझे पराया धन 

तू ही तो मेरे जीवन की प्यारी गुड़िया। 


रोता हुआ तेरा चेरा 

चुबता है मेरे दिल को 

हँसता हुआ तेरा चेहरा 

खिला उठता है मेरे मन को। 


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