तू कांधे पे चढ़ जाएगा
तू कांधे पे चढ़ जाएगा
क्यू घमंड करता है बंधेया,
एक दिन मट्टी में मिल जायेगा,
जग देखेगा उस दिन,
तू कांधे पे चढ़ जाएगा।
होगा करोड़ों अरबों तुझ पे,
कुछ ना तू ले जायेगा,
आखिर में तो तुझको,
लड़की का अर्थी ही मिल पाएगा।
कांधे बदल बदल कर तू तो,
समशान पोंछ जायेगा,
जिसपे था नाज़ जीवन भर,
वो ही आग लगाएगा।
पियूष बाबोसा कहता है दोस्ती यारी दुश्मनी सब यहां,
धरा का धरा रह जायेगा,
बोल ले सभी से करले सब से प्रेम यहां,
वो ही याद रह पाएगा वरना अस्तित्व मिट जायेगा।