भार वाले नाजायज़ रिश्ते।
भार वाले नाजायज़ रिश्ते।
दुनिया के दुनियादारी में,
रिश्तों के रिश्तेदारी में,
भूल गए लोग घर के रिश्तेदार जो है खास,
बना लिए है दुनिया में अनेक रिश्तेदार।
घर के सगे माँ बाप भाई बहन वाले रिश्ते,
हो गए है औपचारिकता वाले,
और बने भर अंकल आंटी भाई बहन,
हो गए है बे मतलब नज़दीक वाले।
जो ना निभा सके घर के सगे रिश्ते,
गांव के निभायेंगे क्या खाक,
जो दे आंखों में आँसू घर वालों के,
वो खुद भी रोएंगे खून के आँसू हजार।
जितना जल्दी समझोगे इस बात को,
जो पियूष बाबोसा समझाए प्यारे,
उतना ही तुम बन के रहोगे राजदुलहरे,
घर वाले होते है अनमोल और जायज समाज में,
भार वाले रिश्ते का नाम है सिर्फ नाजायज समाज में।
दुनिया के दुनियादारी में,
रिश्तों के रिश्तेदारी में,
भूल गए लोग घर के रिश्तेदार जो है खास,
बना लिए है दुनिया में अनेक रिश्तेदार।
