पापा परिवार की ढाल।
पापा परिवार की ढाल।
की मकान की छत और तेज बारिश में छाता है पापा,
सनसनाती ठंड में स्वेटर और गर्मी में छांव है पापा,
मम्मी की लाल चूड़ी लाल बिंदिया से लेकर बच्चों की जान है पापा।
उतरान के पतंग और होली के रंग,
गणेश चतुर्थी की पूजन और नवरात्रि के संग,
दीवाली की जग मग रोशनी कारण और चारों धाम की यात्रा है पापा।
चूरू के बाबोसा और खाटू के श्याम,
सालासर के हनुमान और अयोध्या के राम है पापा,
पालिताना के परस्वनाथ और अमृतसर के वाहेगुरु है पापा,
बारह ज्योतिर्लिंग वाले शिवा है पापा,
गुस्से में शिव तांडव और प्यार में कैलाश पर्वत की ठंडक है पापा।
बच्चों पे आई मुसीबत पापा रति भर भी ना देख पाते,
परिवार के लिए तो हर किसी से लड़ जाते,
सब खुश सब सुखी रहे इसलिए पापा दिन रात एक कर जाते,
बन के ढाल परिवार के आगे सदा खड़े है पाते।
