थक गए है जीवन जीते जीते।
थक गए है जीवन जीते जीते।
थक गए है जीवन में,
देख के गम का दौर,
सुख के तलाश में,
हम चले ना जाएं मौत की और।
जीवन है एक महफिल,
सुख दुख दो द्वार है,
कर्म हमारे है ऐसे,
हम चुने ही दुख का द्वार है।
ये वक्त है ऐसा कमबख्त गुजरता भी नहीं,
इसके गुजरने के इंतजार में हमें अच्छा वक्त मिलता भी नहीं,
परिस्थिति इतनी कठिन है,
तन मन तो सिर्फ हारा हुआ देह है।
ना धन ना ही इज्जत ओहदा है पास में,
सिर्फ दुखों का बोझ है साथ में,
क्या फायदा ऐसे जीवन जीने का,
इस जीवन को अंत करने का रास्ता है खयाल में।
थक गए है जीवन में,
देख के गम का दौर,
सुख के तलाश में,
हम चले ना जाएं मौत की और।