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Anil Jaswal

Drama

3  

Anil Jaswal

Drama

मैं हूँ अकेला

मैं हूँ अकेला

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मैं हूं अकेला,

कठिन है दुनिया का मेला,

फिर भी रहता‌ प्रयासरत,

संभालता जीवन की डगर।


सोचता !

अगर मेरा भी‌ हो साथी,

तो एक और एक ग्यारह की

कहावत सच्ची हो जाती।


हम दोनों रहते इकट्ठे,

एक दुसरे के सुख-दुख बांटते,

इकट्ठे कठिनाइयों का सामना करते,

हमारी ताकत दो की नहीं,

बल्कि ग्यारह के माफिक‌ लगती।


एक दिमाग के विनस्पित,

दो दिमाग होते,

दोनों अपना-अपना दृष्टिकोण रखते,

फिर किसी निर्णय पे पहुँचते,

उसको लागू करते,


और अंत में चैन की नींद सोते,

आने वाले भविष्य के लिए आश्वस्त होते।


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