STORYMIRROR

Mukesh Bissa

Abstract Others

2  

Mukesh Bissa

Abstract Others

मैं गीत हूँ

मैं गीत हूँ

1 min
97


मैं गीत हूँ प्रेम का

तुम महसूस करो।

मैं गीत हूँ मधुमास का

अगर यहां वास करो।

में गीत हूँ अपनी आस का

अपनी आरजू पूरी करो।

मैं गीत हूँ अपनी प्यास का

अगर पीने की इच्छा करो।

मैं गीत हूँ अपने इतिहास का

अगर इसका गुणगान करो।

मैं गीत हूँ अपने विश्वास क

अगर तुम प्रयास करो।

मैं गीत हूँ अनुप्रास का

अगर इसका गुणगान करो।

 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract