मैं बेटा नहीं मैं बेटी हूँ
मैं बेटा नहीं मैं बेटी हूँ
मैं भी लेती सांस हूँ
पतर नहीं इन्सान हूँ
मेरे शरीर में भी दिल है धड़कता
मुझे भी चोट है लगती
भोला सा है चेहरा मेरा
भावनाओं में जीती हूँ
जल्दी भावुक हो जाती हूँ
मैं लड़का नहीं लड़की हूँ
कैसे आपने मुझसे हाथ छुड़ा लिया
जनम लेने से पहले मिटा दिया
बस प्यार की भूखी हूँ
नाम रोशन करके दिखलाऊंगी
बेटा नहीं तो क्या बेटी हूँ
दिया नहीं मुझे एक बार भी मौका
पराया बना कर सोचा
एक बार तो मुझे अपना लो
मुझे आज़मा कर देख लो
हर जंग को जीत कर दिखलाऊंगी
मैं अग्नि में तप कर सोना बन कर दिखलाऊंगी
लोगों की सुनी आपने
पर नहीं सुना मेरी करुण पुकार
मैं बोझ नहीं बेटी हूँ
एक दिन कुछ कर के दिखलाऊंगी
एक दिन बेटे से भी बढ़कर नाम करके दिखलाऊंगी
मैं बेटा नहीं मैं बेटी हूँ
आपका नाम करके दिखलाऊंगी।