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Sughosh Deshpande

Romance

1.0  

Sughosh Deshpande

Romance

मैखाना

मैखाना

1 min
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मैखाना है तेरा इस्म, जाम तेरा तसव्वुर है

मैकदे में ढले रात दिन,अपने भी हमसे दूर है

बेखुदी तेरी झलक देखकर छा गयी,

मुझको दे लम्हे कुर्वत के मैखाने से निकालो मुझे

ओ दिलबर ओ दिलबर ओ दिलबर ओ दिलबर


मैख्वारों में अपना भी नाम जुड़ा,मैखाने में ही मैं बदनाम हुआ

सुन रही हो न सदायें मेरी सनम,बेबसी में सुलग रहा है बदन

मदिरा है तेरी पलक, तेरा सुरूर है हर तरफ

ओ दिलबर ओ दिलबर ओ दिलबर ओ दिलबर


मिटाकर मैं अपनी खुदी,बन गया हूँ बाखुदा

पर तू है वो मेरा खुद,जिसके लिये ये सब किया

मैखाने में मेरा निशान, हर कहीं जहां ज़िकर है तेरा

मैखाने में ही मिट जाऊंगा, आयी ना जो तू अगर

क्या समझू मैं हाल अपना,क्या मैं देखूं आइना

जो आयात में भी हो तुम,बस ये मैकदा ही बाई मेरा बचा

दिलबर ओ दिलबर ओ दिलबर ओ दिलबर


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