मै यहां तू वहां.....
मै यहां तू वहां.....
मैं यहां तू वहां, ज़िन्दगी है कहां,
ज़िन्दगी है अधूरी तेरे बिना।
तुझे ना देखूं तो सब अधूरा लगता है,
ज़िन्दगी ,ज़िन्दगी नहीं लगती है।
तेरी सूरत देख के ही मेरी सुबह - शाम होती थी,
अब तेरे बिना एक पल भी गवारा नहीं होता है।
है तो इस जग में सब अपने कई,
पर ज़िन्दगी तेरे बिना कटती नहीं।
आज इन सुनसान गलियों में तेरी राह देख रहा हूं,
पर निराशा के सिवाय कुछ नजर आता नहीं।
मैं यहां तू वहां, ज़िन्दगी है कहां
दिन तो जैसे तैसे ढल जाता है,
पर रात मानो कटती नहीं।
एक एक पल मानो सुई सा चुबता है मुझे,
लाख कोशिशें की मगर दिल
तुम्हारी ओर से हटता नहीं।
यूं ना सहा जाए ये दूरियों का दर्द,
पास आओ जरा, मिटा दो ये दूरियां
मैं यहां तू वहां, ज़िन्दगी है कहां।

