ये बारिश की बूंदें !
ये बारिश की बूंदें !
ये बारिश की बूंदें,
जमीं पे यूं गिरी
ऐसा लगा जैसे आसमां को जमीं,
से मोहब्बत हुई।
ये दिलकश नजारे आंखो में लिए,
बहकता है ये मौसम बारिश के लिए।
क़यामत में जैसे बहार छाई,
हर तरफ जैसे बारिश की बूदें छाई
पेड़ के पत्तों से बारिश का पानी यूं गिरा,
ऐसा लगा जैसे कली से गुलाब निकला।
ये बारिश की बूंदे
ये बारिश का पानी
जमीं पे यूं गिरा
ये सावन का झोंका
ऐसा लगने लगा ये मौसम नया - सा होने लगा।
मनमोहक नजारे चारो ओर,
अपने में समेटे हुए,
ये बूंदे चली कुछ इस तरह।
ये बारिश की बूंदे,
जमीं पे यूं गिरी
ये बारिश की बूंदे,
जमीं पे यूं गिरी
ऐसा लगा जैसे आसमां को जमीं,
से मोहब्बत हुई ।
ऐसा लगा जैसे आसमां को जमीं,
से मोहब्बत हुई।
