मातृभाषा
मातृभाषा
माँ से सुनकर सीखी हुई भाषा कहलाती है मातृभाषा।
माता के समान ही पूजनीय होती है मातृभाषा।
जीवन में ज़्यादातर शिक्षा और ज्ञान।
जिसके द्वारा संभव हो सकता है।
वह है बस मातृभाषा।
एक स्वाभाविक भाषा है मातृभाषा।
हिंदी है जो सिर्फ़ एक भाषा नहीं।
है हमारी मातृभाषा।
हमारी आन-बान और शान है।
हमारी हिंदी, हमारी मातृभाषा।
हमारी संस्कृति, हमारी धरोहर और हमारी पहचान है।
हमारी हिंदी, हमारी मातृभाषा।
यूँ तो सम्मान पाती है यहाँ हर भाषा।
पर हमारे देश, हमारे भारत का अभिमान है।
हमारी हिंदी, हमारी मातृभाषा।
भले ही मौन हो जाएं किसी भी भाषा के अक्षर।
पर जिसकी बिंदी भी बोले वो है।
हमारी हिंदी, हमारी मातृभाषा।
याद रखना सदा कि,
मान घटाती नहीं बढ़ाती है सदा।
हमारी हिंदी, हमारी मातृभाषा।
कभी लुप्त ना होने देना।
हमारी हिंदी, हमारी मातृभाषा।
बोलने में कभी शर्म ना करना।
हमारी हिंदी, हमारी मातृभाषा।
जिसकी बदौलत पूरे संसार में,
हमारी एक अलग पहचान है।
वह है केवल हमारी हिंदी, हमारी मातृभाषा।
हम सबकी जान है जो भाषा वो है।
हमारी हिंदी, हमारी मातृभाषा।
हमारी हिंदी, हमारी मातृभाषा।