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S Ram Verma

Abstract

4.0  

S Ram Verma

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मासूम नखरे

मासूम नखरे

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तुम्हे परेशां करना..

या.. यूँ कहूँ.. कि  

तुमसे परेशां होना..


पर अगर सच कहूं तो 

मुझे बेहद भाते है..


तेरे मासूम नाज़ुक नखरे..

और अँखियों के ये लश्कारे..

बेहिसाब ज़ुल्म ढाते हैं..


पर अगर सच कहूं तो 

मुझे बेहद भाते है..!!


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