कौन सा जुर्म है,क्या सितम हो गया आँख अगर उठ गई, आप ही की तरफ़ कौन सा जुर्म है,क्या सितम हो गया आँख अगर उठ गई, आप ही की तरफ़
देख के तुम मुस्कुराओ तो सही दिल में चाहत तुम जगाओ तो सही। देख के तुम मुस्कुराओ तो सही दिल में चाहत तुम जगाओ तो सही।
जिसकी दुहाई देते हो उसी को नोचते हो, मुझे तुम्हारा दोगला समाज समझ में आता है जिसकी दुहाई देते हो उसी को नोचते हो, मुझे तुम्हारा दोगला समाज समझ में आता है
अभी मास्क ही वैक्सीन, यह तुम्हें समझाएं। जब तक दवाई आवै, सभी मास्क लगाएं। अभी मास्क ही वैक्सीन, यह तुम्हें समझाएं। जब तक दवाई आवै, सभी मास्क लगाएं।
ज़ुल्म, ज्यादती, अत्याचार का अंत, अब तो नामुमकिन ही होगा। ज़ुल्म, ज्यादती, अत्याचार का अंत, अब तो नामुमकिन ही होगा।
हर तरफ काहिल छिपे हैं ,फैल रहा नफरत का द्वेष । हर तरफ काहिल छिपे हैं ,फैल रहा नफरत का द्वेष ।