मांग तेरी भर दूं
मांग तेरी भर दूं
एक बात समझ लो मेरे
दिल की दिलवर जानी
आज तो रंग लगाने दो
मुझे करने दो मनमानी
वैसे तो रंग तेरे यौवन
का सब रंगों पर भारी
तेरी एक झलक को
तरसे दुनिया देखो सारी
फिर भी संजो रखे मैंने
रंग अपने अरमानों के
और न कोई भाये इनको
जो दीवाने तेरे गालों के
आओ प्रिये आज तुम्हें
अपने प्यार में मैं रंग दूं
बना के इंद्रधनुष रंगों का
क्यों न मांग तेरी भर दूं
रंगों से भरुंगा मांग तेरी
माथे भी टीका रंगों का
प्रेयसी जो बन जाओ तो
स्पर्श करुं तेरे अंगों का।

