माँ
माँ
एक औरत ने मुझे
मोतियोँ सा बिन माले में पिरोया है
इस बंजर धरती का फूल मैं,
उसने मुझे बोया है
तुझसे जान मेरी,
तुझसे ही पहचानी हूँ
सिर्फ तेरा हक़ मुझपे
माँ मै तेरी लिखी कहानी हूँ
तुझसे अस्तित्व मेरा,
मैं तेरी एक अधूरी कड़ी हूँ
मेरी रूह से ज्यादा
माँ मैं तुझसे जुड़ी हूँ।
