माँ
माँ
आज फिर याद तुम्हारी आ गई ,कोई याद तुम्हारी दिला गई
आज फिर याद तुम्हारी आ गई ,आज फिर याद तुम्हारी आ गई।।
माँ आँखों में बसी है तेरी सूरत तू ही है मेरे दिल की मूरत
माँ के साथ बीते दिन याद करते है जो बड़े हुए माँ की उंगली थामे।
वो कितने खुशनसीब हैं जो माँ के साथ बिताए हर पल सोचकर ही खुश हो जाते हैं
मैं किन पलों को याद करूँ याद नहीं...............................................
कब गोद लिया तूने ,कब तूने लोरी सुनाई।
मुझे याद है .......चेहरा भी तेरा तब देखा जब तस्वीर तेरी किसी और ने दिखाई।।
जब याद तेरी आती कितने आँचल रोज भिगोती लिए आँखों में अश्रुओं के मोती।
जी करता है लिपट कर रो लूँ पर तू न दिखती -पर तू न दिखती।।
अगर हो सके तो तू लौट कर आ माँ तेरी याद बहुत है आती।।
पता है तू लौट कर ना आएगी फिर भी ये दिल की धड़कन है तुझे बुलाती।।
सजल आँखों से मुझे भ्रम हो जाता है ,तभी तो तुझसे बात करने का मन करता है।
दिल के कोने में घर कर गई आज किसी की बातें ,माँ को याद कर छलक गए ये नैना।।
तुम बिन कैसे काटेंगे ये रात –दिन और रैना।।
आज फिर याद तुम्हारी आ गई ,आज फिर याद तुम्हारी आ गई।।
