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Ruchi Madan

Tragedy

5.0  

Ruchi Madan

Tragedy

माँ तुम बहुत झूठी हो

माँ तुम बहुत झूठी हो

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माँ,, तुम कितनी झूठी हो

हमेशा मुझसे कहती हो

जल्दी बाबा आयगे,.

बहुत लाड लड़ाएंगे

पर बाबा कभी नहीं आते

बस रातों को खिलोने रख जाते

कभी घुमने भी नहीं जाते

ना कभी झूले झुलवाते

ना स्कूल छोड़ने जाते

ना कभी वो मिलने आते

सभी के बाबा आते है.

पार्क मैं खेल खिलाते है

मैं भी वहाँ उनको देखूं

आँखों के आंसू कैसे रोकूं

मैं अभी बहुत छोटी हूँ

माँ तुम बहुत झूठी हो,

बाबा जल्दी आएंगे,

हरदम यही कहती हो

किसी के बाबा फ़ोन करते

किसी के चिठ्ठी है लिखते

मेरे बाबा कभी ना आते

ऐसा क्यों वो करते है

जब आएंगे मैं नहीं बोलू

चाहे कुछ भी हो जाये

लड़ कर माँ से रोज ही

बस आपने बाबा के

ख़्वाबों मैं खो जाये

उस मासूम को बताये

बाबा कभी ना आएंगे

वो शहीद हुए सीमा पे

ये बाते उसको कौन समझाये

किसने उसके बाबा को मारा

क्यों उनका सीना तार तार किया

वो तो उनको जानते भी नहीं थे

फिर क्यों उनको मार दिया

उसको तो अब ऐसे ही जीना होगा

किसी और की गलतियों को

इस मासूम को सहना होगा



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