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अनिल कुमार निश्छल

Abstract Others

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अनिल कुमार निश्छल

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मां से याचना

मां से याचना

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तेरा ही संबल सदा मैं पाऊँ

बदी से न कभी मैं घबराऊँ


ममता के आँचल में छिप जाऊँ

रज तेरे चरणों की ही बन जाऊँ


पाकर आशीष बन सँवर जाऊँ

लबों की हँसी देख तेरी मुस्काऊँ


गोदी में तेरी बच्चा बन इठलाऊँ

किस्मत में अपनी हरदम इतराऊँ


सितारा बन मैं फलक चमकाऊँ

कुछ अपनी कुछ

सबकी जिंदगी रोशन कर जाऊँ




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