STORYMIRROR

अनिल कुमार निश्छल

Others

4  

अनिल कुमार निश्छल

Others

रब ने जब मां को बनाया होगा

रब ने जब मां को बनाया होगा

1 min
4

रब ने माँ को 

जब बनाया होगा

खुद को कदमों पे 

ही पाया होगा

रब ने मां___________


ममता का आँचल 

जब थमाया होगा

बच्चा बन खुद ही 

आजमाया होगा

रब ने मां______________


जन्नत को चरणों 

पे बसाया होगा

सुकून सारे जहां 

का पाया होगा

रब ने माँ________________


दिल जब माँ का

 लगाया होगा

प्यार भी खुद माँ 

का चुराया होगा

रब ने मां________________


अपनी कृति देख 

कितना इतराया होगा

मन ही मन कितना रब मुस्काया होगा

रब ने माँ______________


मिट्टी सादगी की 

फिर लाया होगा

रब की प्रतिमूर्ति 

फिर बनाया होगा

रब ने माँ_______________


आँचल में माँ के

कितना इठलाया होगा

फरिश्तों से उसूल 

मंगाया होगा

रब ने माँ___________


Rate this content
Log in