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अनिल कुमार निश्छल

Abstract

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अनिल कुमार निश्छल

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कुछ दिन और सही

कुछ दिन और सही

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कुछ दिन और सही घर  से बाहर न जाओ

कुछ दिन और सही घर का ही खाना खाओ

हम सबकी है जिम्मेदारी कर लो भैया तैयारी

कुछ दिन और सही घर पर ही वक़्त बिताओ


जब तक हालात न सुधरते अकेले रहो

ज्यादा कुछ दिन और सही घर पर रह हँसो हँसाओ

अच्छी-अच्छी बातें प्यारे बच्चों को बतलाओ

कुछ दिन और सही घर पर रह पढ़ो पढ़ाओ


नाज़ुक वक्त है रहना होगा अब सँभल-सँभल कुछ दिन

और सही घर पर हिम्मत बढ़वाओ

बचाव ही कारगर उपाय है इससे बचने का कुछ दिन और

सही घर पर रह जगो जगाओ


जब बहुत जरूरी हो तभी निकलना बाहर कुछ दिन

और सही घर पर खेलो खिलाओ स्वच्छता बहुत जरूरी है

सब अब मान जाओ हर दिन कई बार 

परिवेश साफ़ करो कराओ


आइसोलेट करो ख़ुद और दूजों को बताओ

कुछ दिन और सही न किसी से हाथ मिलाओ

इक दिन ऐसा आयेगा जीतेंगे हम सब जीतेंगे

कुछ दिन और सही मोबाइल से ही बतियाओ


माना कि हैं सब डरे हुए घबराने की बात नहीं 

कुछ दिन और सही लोगों से कम मिलो मिलाओ।


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