मान रखो
मान रखो


मत होना विचलित तुम
देर अगर हो जाये
ऐसा कुछ नहीं है जग में
जो तुमसे न हो पाए।
लक्ष्य को अपने साध लो तुम
एकलव्य बन जाओ
दृढ़ संकल्प रखों मन में और
मंज़िल पर बढ़ जाओ।
राह बहुत मुश्किल है लेकिन
इससे न घबराना
रखो भरोसा अपने पर तुम
पीछे न हट जाना।
सब्र का दामन न छूटे बस
इतना ध्यान रखो
सीख यही चींटी से लेना
गिरकर उठते कैसे।
नाकामी को धूल चटाने
मेहनत करते कैसे।
सिर्फ कर्म से प्यार करो तुम
अब न ध्यान बँटाओ।
बढ़ो सदा तुम आगे बेटे
पर न ऐसा काम करो।
जिससे जीना मुश्किल हो और
तुम सब का अपमान करो।
मात पिता की बातों का तुम
हर कीमत पर मान रखो।