STORYMIRROR

Shayra Zeenat ahsaan

Classics

5.0  

Shayra Zeenat ahsaan

Classics

मान रखो

मान रखो

1 min
441


मत होना विचलित तुम

देर अगर हो जाये

ऐसा कुछ नहीं है जग में

जो तुमसे न हो पाए।


लक्ष्य को अपने साध लो तुम

एकलव्य बन जाओ

दृढ़ संकल्प रखों मन में और

मंज़िल पर बढ़ जाओ।


राह बहुत मुश्किल है लेकिन

इससे न घबराना

रखो भरोसा अपने पर तुम

पीछे न हट जाना।


सब्र का दामन न छूटे बस

इतना ध्यान रखो

सीख यही चींटी से लेना

गिरकर उठते कैसे।


नाकामी को धूल चटाने

मेहनत करते कैसे।

सिर्फ कर्म से प्यार करो तुम

अब न ध्यान बँटाओ।


बढ़ो सदा तुम आगे बेटे

पर न ऐसा काम करो।

जिससे जीना मुश्किल हो और

तुम सब का अपमान करो।


मात पिता की बातों का तुम

हर कीमत पर मान रखो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics