लर्ज़िश
लर्ज़िश
न जाने क्यों उनके बीच लर्ज़िश सी थी,
जाने क्यों उससे दूर रहना सजा सा था।
बात भी फिर उसी से रुठने में थी
जिससे खुद को मनवाने में एक मज़ा सा था।।
न जाने क्यों उनके बीच लर्ज़िश सी थी,
जाने क्यों उससे दूर रहना सजा सा था।
बात भी फिर उसी से रुठने में थी
जिससे खुद को मनवाने में एक मज़ा सा था।।