चिंगारी !!!
चिंगारी !!!


यह इश्क़ भी कहाँ आसान है !
आग है बराबर दोनों तरफ,
पर दोनों ही अनजान हैं !
यह रुत ही सुहानी है !
यह रात निकलती जानी है,
ज़िन्दगी एक अनपढ़ी कहानी है !
कोई चिंगारी ही लगा दो !
बस एक बार और मिला दो,
एक मौका ही कोई दिला दो !
एक मुद्दत के बाद हुआ है !
ज़हर भी अमृत हुआ है,
किसी और का कोई और हुआ है !
इन ख्वाहिशों के दरमियान !
बिना तलवार की वो म्यान,
सबका खींच गयी ध्यान !
उस तसव्वुर में देखा था !
एक ख्वाब को बुनते हुए,
रंग उसका सफ़ेद हो कर भी रंगीन था !
कहानी के हसीन से मोड़ पे !
अनजानी मंज़िल के सफर पे,
राहें ये दिलजानी हैं !
लगता है तो यह सच ही होगा !
आंखें खोल लूँ तो भी ख्वाब हसीं ही होगा,
जो जिसका है, वो उसका ही होगा !
पर एक चिंगारी ही लगानी है !
कोई तो लगा दो, मेरा शुक्रिया रहेगा,
वो मिला जो मुझे तो असर तेरी दुआ का रहेगा !