तू मुझे!
तू मुझे!


अगर मुझसे इश्क़ करना मजबूरी है तेरी !
तो ये मजबूरी मंजूर नहीं है मुझे !
अगर मुझे याद करना पसंद नहीं तुझे
तो नापसंद ही रहने देना तू फिर मुझे !
अगर तुझे मेरी बात का ज़िक्र नहीं करना !
तो नजरअंदाज ही कर देना तू मुझे !
अगर मैं ही हूं तेरी हर हार की वजह !
तो जीत से महरूम ही रहने दे तू मुझे !
अगर मेरी मौजदगी नहीं चाहिए अब तुझे !
तो खुद से जुदा ही रख तू अब मुझे !
और अगर अब मैं नहीं तेरी किसी फेहरिस्त में !
तो फिर खुद में ही मशगूल रहने दे तू अब मुझे !