सब ने ये रिवाज बड़े शिद्दत से निभाया हैं हमसे। सब ने ये रिवाज बड़े शिद्दत से निभाया हैं हमसे।
खुद को मनवाने में एक मज़ा सा था। खुद को मनवाने में एक मज़ा सा था।
फिर उन चुनौतियों को कहदो तुम में नही कोई भी अब टशन। फिर उन चुनौतियों को कहदो तुम में नही कोई भी अब टशन।
कहते हैं एक हो जाने से, खत्म हो जाता है फासला। कहते हैं एक हो जाने से, खत्म हो जाता है फासला।
तू शामिल है जहांन में मेरे, ज़मींन-ओ-आसमान में मेरे, ग़म में है, ख़ुशी में है ज़िन्दगी में नहीं... तू शामिल है जहांन में मेरे, ज़मींन-ओ-आसमान में मेरे, ग़म में है, ख़ुशी में ...
हर गम हर शिकवे को वो ऐसे भूला देती है, रूठती रहती है माँ पर खाने को बुला देती है... ऐसी ही होती है ... हर गम हर शिकवे को वो ऐसे भूला देती है, रूठती रहती है माँ पर खाने को बुला देती ह...