लफ्ज
लफ्ज
बहुत कोशिश की लफ्जों ने
बाहर आने की,
जुबां मगर लड़खड़ा गई..
दांतों ने तो उन्हें कुतर कर
और घायल कर दिया..
आंखों ने अश्कों के सूखने का बहाना बनाकर मना कर दिया...
इस बेबसी और लाचारी में
कागज़, कलम और दवात ने हौसला दिया,
लफ्ज ख़ामोशी छोड़कर
कागज़ पर बहने लगे,
कलम ने कांपते हुए अलफाजों को सहारा दिया..
महफ़िल ने उसे दर्द भरे शेर का नाम दिया...
