लोक व्यवहार
लोक व्यवहार
प्राचीन समय से चली आ रही
जाने कितने ही परंपरा
अनेक रस्मे और रिवाजों के बंधन में
ऐसे बंध गये हैं यह समाज
अलग-अलग सबकी नेग रिवाज
विवाह, त्योहार चाहे जो भी हो
अलग हैं सबके पूरा करने के अंदाज
शादी में साली का जूता चुराना
फिर जूते के लिए पैसा मांगना
इस रिवाज से समाज में क्या उन्नति
कुछ ऐसा रिवाज समाज में हो
नेग में गरीबों को दान देने की
जिस नेग रिवाज से समाज में फैले
कुछ ज्ञान और हो सबका कल्याण
जिससे हो समाज का विकास।