"लम्हा नि:शब्द क्यों है "
"लम्हा नि:शब्द क्यों है "
जाने ये लम्हा गुम क्यों है,
शब्द भी कुछ गुमसुम है,
दिल में उमड़ रहा जज्बातों का तूफां.....
फिर भी ये जुबां निःशब्द क्यों है
क्यों सामने देखूं तुम्हें,
तो ठहर जाता है ये वक्त,
थम जाते हैं ये पहर
रुक जाता है तूफान,
और बह जाते हैं लफ्ज़ आंखों से
फिर भी ये लम्हा नि:शब्द क्यों है
