हरी चूड़ियां
हरी चूड़ियां
हरी चूड़ियों की चमक चेहरे पर
आंखों में खुशी की लहर,
ऐसा ऐसा लगता है, जन्नत बटोर लाई है
उसके पैरों की झंकार,
ऐसी खूबसूरती देखी आज पहली बार।
उसके अधरों पर भीनी सी मुस्कान,
मुस्कान में छुपी शरारत
शरारतों में भरे सपने हजार
हरी चूड़ियों संग खेले वो बार-बार,
मिल गया हो जैसे उसे सारा संसार
ऐसी खूबसूरती देखी आज पहली बार।
मिली जो हरी चूड़ियां उसे
तो बजने लगी पैजनिया भी,
घूम-घूमकर झूम- झूमकर गाए वो गीत हजार
पल-पल को जी भरकर जीए जाए वो मनमौजी,
आंखों से बरसाए वो प्यार अपार
ऐसी खूबसूरती देखी आज पहली बार।
